Showing posts with label साक्षी. Show all posts
Showing posts with label साक्षी. Show all posts

4/29/24

भूल जाओ कोई नाम है (कविता):- साक्षी रॉय

    भूल जाओ कोई नाम है (कविता):- साक्षी रॉय   

साहित्य आजकल से आज के अंक में आप पढ़ेंगे समस्तीपुर बिहार की साक्षी रॉय की जाती धर्म संप्रदाय पर केंद्रित स्वरचित रचना। पढ़ें व अपने तमाम लोगों तक अवश्य साझा करें।

हमारे व्हाट्सएप से जुड़ें..        हमारे यूट्यूब से जुड़ें     |

भूल जाओ कोई नाम है (कविता):- साक्षी रॉय

 हिंदू मुस्लिम से लड़ाई क्यों

जाति में इतनी कड़वाहट क्यों

भूल जाओ कोई नाम है

खाना तो नहीं,

फिर इतनी लालसा क्यों ।।

हिंदू के लिए गलत है मुस्लिम

मुस्लिम के लिए गलत है हिंदू

महान विचारकों महान लोगों को,

पढ़ते हो किताबें में

उसमें भी तो होते हैं 

कोई मुस्लिम कोई हिन्दू

उनका तुम सत्कार करोगे

असल जिंदगी में ईर्ष्या करोगे।।

नकारात्मक सोच को बाहर निकालो,

अपना जीवन खुशहाल बनाओ,

ना कोई हिन्दू ना कोई मुस्लिम

हम है एक भविष्य जो लाएंगे

एकता में शक्ति का नाम।।

          रचनाकार:- साक्षी रॉय

         (समस्तीपुर, बिहार)


सूचना:- साक्षात्कार देने हेतु यहाँ क्लिक करें

नोट:- निःशुल्क रचना प्रकाशन या वीडियो साहित्य आजकल से प्रसारण हेतु साहित्य आजकल टीम को 9709772649 पर व्हाट्सएप कर संपर्क करें।

यदि आप साक्षात्कार देना चाहते हैं तो आदरणीय यह साक्षात्कार देने हेतु साहित्य आजकल की अधिकारिक फॉर्म है। अतः इसे सही सही भरकर हरे कृष्ण प्रकाश के साथ अपना साक्षात्कार तिथि सुनिश्चित करवाएं।।

सूचना:- साक्षात्कार देने हेतु यहाँ क्लिक करें 

धन्यवाद

    हरे कृष्ण प्रकाश 

  (युवा कवि, पूर्णियां बिहार)

   (साहित्य आजकल व साहित्य संसार)




           ‌