Showing posts with label सिद्धेश्वर 9. Show all posts
Showing posts with label सिद्धेश्वर 9. Show all posts

4/3/25

सोशल मीडिया को गंदा कर रहे हैं पैसे लेकर साहित्यिक सम्मान बांटने वाले : सिद्धेश्वर

यूट्यूब पर फिर से आरंभ है, एपिसोड सिद्धेश्वर की डायरी 

सोशल मीडिया को गंदा कर रहे हैं पैसे लेकर साहित्यिक सम्मान बांटने वाले : सिद्धेश्वर 


पटना :03/04/25 | लेखकों के बीच इस तरह रोज सैकड़ो सर्टिफिकेट यानी सम्मान पत्र  बांटने का उद्देश्य क्या है? इसे मिटाते - मिटाते हर रोज मेरी उंगलियां दुखने लगती है l मैं इसे सम्मानपूर्वक पढ़ता भी नहीं l हमारे दोस्तों,  रेवड़ी की तरह बाँटे जा रहे  ऐसे सम्मान पाकर क्या खुश होते हैं आप ? दुर्भाग्य है हमारे ऐसे साहित्यकारों का और ऐसे सम्मान पत्र बांटने वाली संस्थाओं का, जो हर रोज सोशल मीडिया को गंदा करते हैं, साहित्य को बदनाम करते हैं, साहित्यिक परिवेश  को प्रदूषित करते हैं l इसके बदले लेखकों को कलम कॉपी बाँटते तो उनका जरूर कुछ भला और सहायक होता,एवं उद्देश्य भी समझ में आता | इस तरह सम्मान बांटना क्या साहित्यकारों का अपमान नहीं ? 

             यूट्यूब के चैनल पर फिर से आरंभ हो गया है, सिद्धेश्वर की डायरी एपिसोड का नियमित प्रसारण | एपिसोड 38 अपनी डायरी का पाठ करते हुए सिद्धेश्वर ने उपरोक्त उद्गार व्यक्त किया l उन्होंने कहा कि बार-बार इस तरह का सवाल उठाने के बावजूद पता नहीं इन लोगों को शर्म क्यों नहीं आती ? अरे भाई लेखकों को सम्मान दीजिए लेकिन सम्मान की तरह, उन्हें अपमानित करने की तरह नहीं l सोशल मीडिया को गंदा करते हैं इस तरह साहित्यिक सम्मान बांटने वाले l

            अब तो सम्मान पत्र बांटने की तरह, डॉक्टरेट की डिग्रियां भी बाँटी जा रही है l हजारों रुपए खर्च कर लोग डॉक्टर की डिग्री प्राप्त कर रहे हैं l जिस डिग्री का न तो कोई महत्व है न तो सामाजिक उपयोगिता l सिर्फ अपने मित्रों से झूठी प्रशंसा, और झूठे आत्म सम्मान के सिवा आखिर उन्हें मिलता क्याहै? 

डायरी की प्रस्तुति के पश्चात 

 पत्रिकानामा के तहत इंदौर की मासिक पत्रिका वीणा के नए अंक पर समीक्षात्मक परिचय प्रस्तुत किया गया l इसके बाद महफिल के अंतर्गत दीक्षित दनकौरी, मीर, गुलजार शायरों की शायरी प्रस्तुत की गई l नए पुराने लखकों को नई दिशा देने वाला यह एपिसोड यूट्यूब चैनल पर अपनी अलग उपयोगिता के लिए पहचान बना रही है l इस एपिसोड के संयोजक सिद्धेश्वर ने बतलाया कि सोशल मीडिया पर इस तरह का कम साहित्यिक एपिसोड है जो नए पुराने लेखकों को साहित्य के बारे में विशेष जानकारी तो देती है पत्र पत्रिकाओं और पुस्तकों के बारे में भी परिचय प्रस्तुत करती है l नए पुराने रचनाकारों से छोटी मुलाकात के साथ-साथ उनकी साहित्यिक रचनाएं भी दिखाई जाती है l

[] प्रस्तुति | बीना गुप्ता |


नोट:- अपनी रचना प्रकाशन या वीडियो साहित्य आजकल से प्रसारण हेतु साहित्य आजकल टीम को 9709772649 पर व्हाट्सएप कर संपर्क करें, या हमारे अधिकारीक ईमेल sahityaaajkal9@gmail.com पर भेजें।


                 धन्यवाद :- साहित्य आजकल टीम