Showing posts with label सिधेश्वर16. Show all posts
Showing posts with label सिधेश्वर16. Show all posts

1/8/23

चित्रलेखा पुस्तक पढ़ने के अपेक्षा, फिल्म के माध्यम से अधिक देखी गई !: डॉ गोरख प्रसाद मस्ताना

चित्रलेखा  पुस्तक पढ़ने के अपेक्षा, फिल्म के माध्यम से अधिक देखी गई !: डॉ गोरख प्रसाद मस्ताना 

 """"""""""""""""""""""""""""""""""""

सिद्धेश्वर ने कई सार्थक प्रतिभाओं को, साहित्यिक मंच प्रदान किया है ! : भगवती प्रसाद द्विवेदी

------------------------------------------------------------------

        पटना :08/01/2023  l एक दूजे की रचनाओं को गंभीरता से सुनने और उस पर विचार विमर्श करने के उद्देश्य से, इस तरह की छोटी-छोटी  गोष्ठियों का बहुत महत्व है l इस संस्था के माध्यम से सिद्धेश्वर जी ने बचपन से ही यह कार्य को शुरू किया, जो आज तक जारी है l नए वर्ष में उन्होंने एक नई शुरुआत की है " साहित्य विविधा " की जिसके तहत साहित्य की हर एक विधा का समुचित सृजनात्मक मूल्यांकन हो सकेगा  l आज की इस साहित्यिक विविधा गोष्ठी में, डॉ नीलू अग्रवाल ने बाल मनोविज्ञान पर आधारित मार्मिक कहानी प्रस्तुत किया, तो दूसरी तरफ साहित्य के प्रति पाठकों की उदासीनता को रेखांकित करते हुए सिद्धेश्वर जी ने बहुत सशक्त लघुकथा " उपहार "  प्रस्तुत की l दूसरी तरफ डॉ गोरख प्रसाद मस्ताना और आराधना प्रसाद ने  सारगर्भित गीतों की अद्भुत प्रस्तुति दी l राज प्रिया रानी और मधुरेशनारायण सृजनात्मक स्तर पर सार्थक प्रयास किया  l कवि चित्रकार सिद्धेश्वर जी, साहित्य के प्रति पूरी निष्ठा से जुड़े हुए हैं, उन्होंने कई नई प्रतिभाओं को सार्थक मंच भी प्रदान किया है  l 

   

                                    साहित्यिक संस्था भारतीय युवा साहित्यकार परिषद के तत्वाधान में " पटना कंकड़बाग स्थित " सिद्धेश सदन " में आयोजित साहित्य विविधा संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए, लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकार भगवती प्रसाद द्विवेदी ने उपरोक्त उद्गार व्यक्त किया  l तो दूसरी तरफ मुख्य अतिथि के रूप में अपनी गरिमामई उपस्थिति दर्ज करते हुए चर्चित गीतकार डॉ गोरख प्रसाद मस्ताना ने कहा कि 

-" साहित्य के प्रति सिद्धेश्वर जी का यह जुनून का मैं हृदय से अभिनंदन करता हूं l आज की यह साहित्यिक संगोष्ठी कई मायनों में महत्वपूर्ण है l बड़ी-बड़ी गोष्ठियों में भीड़ तो दिखती है , किंतु कविता सुनने और मनन करने के प्रति किसी में रुझान नहीं दिख पड़ता  l सभी सिर्फ अपनी रचना प्रस्तुत करने के पीछे ही परेशान रहते हैं l और दूसरे की रचनाओं को सुनने में जरा भी रुचि नहीं रखते l इसलिए मुझे इस तरह की साहित्यिक गोष्ठियां  ज्यादा संतुष्टि प्रदान करती है, जहां पर हम अपनी रचनाओं के साथ साथ, साहित्यिक विचार-विमर्श भी करते हैं l सिद्धेश्वर जी ने ठीक कहा है कि साहित्यिक पुस्तकों को पढ़ने के अपेक्षा सोशल मीडिया के प्रति या टीवी चैनलों और फिल्मों के प्रति पाठकीय रुझान बढ़ा हैl पहले भी इस तरह की बातें थी l भगवती चरण वर्मा का उपन्यास " चित्रलेखा " उतने लोग नहीं पढ़ सके , जितनी संख्या में चित्रलेखा फिल्म देखी गई l फिल्म या किसी भी सोशल मीडिया पर, कहानी या कविता के फिल्मांकन के साथ साथ गीत संगीत दृश्य जैसी कई आकर्षक बातें भी जुड़ी होती है l जिसके प्रति पाठकों या दर्शकों का रुझान स्वत: बढ़ना स्वाभाविक है! क्योंकि पत्र पत्रिकाएं या पुस्तकों को पढ़ने के लिए रचनाओं के शब्दों को आत्मसात करने,, उस रचना के शिल्प को समझना सभी पाठक के लिए संभव नहीं हो पाता।इसलिए भी वे सोशल मीडिया या फिल्मों से जुड़ने में अधिक रूचि दिखाते हैं l पुस्तके भी सहज भाषा में रुचिकर लिखी जाए तो वह पाठकों के करीब जा सकती हैं l

                 साहित्य विविधा संगोष्ठी का संचालन करते हुए सिद्धेश्वर ने कहा कि - साहित्य की गंदी राजनीति और साहित्य की खेमे बाजी ने, ढेर सारी अच्छी रचनाओं को पत्र-पत्रिकाओं या पुस्तको तक पहुंचने में बाधा का काम किया है, जिसके कारण पत्र-पत्रिकाओं और पुस्तकों के प्रति पाठकीय रुझान कम हुआ है l आज बदलते समय के अनुरूप साहित्य सोशल मीडिया का एक सशक्त हिस्सा बन गया है l धीरे-धीरे लेखक भी इस बदलाव को स्वीकारने लगे हैं l

              उन्होंने इस तरह की गोष्ठियों  के संदर्भ में यह भी कहा कि -छोटी-छोटी घरेलू गोष्ठियां आजकल इतनी महत्वपूर्ण समझी जाने लगी है कि ढेर सारे साहित्यकार अपने अपने घरों में, अपने मित्र साहित्यकारों के साथ मिलजुल कर, साहित्य सृजन को सार्थक दिशा  देने में कामयाब साबित हो रहे हैं l लेकिन ऐसी गोष्ठियों का महत्व तभी है, जब हम सिर्फ वाह वाही ही करने के बजाए, रचनाओं पर आपसी चर्चा और विमर्श भी करें l साथ ही साथ नई रचनाओं को हम सामने रखकर यह भी देख सके कि बड़े मंच पर इसका क्या प्रभाव पड़ सकता है l

              डॉ नीलू अग्रवाल ने कहानी, तो सिद्धेश्वर ने "उपहार" लघुकथा और कुछ नज़्म प्रस्तुत किया l डॉ गोरख प्रसाद मस्ताना ने - गीत है अनुभूतियों का धन धरोहर मधुर स्वर से आ करें श्रृंगार इसका,मखमली चिंतन से नि:सृत भाव यह,पुष्प पंखुरियों से कोमल प्यार इसका!/ आराधना प्रसाद ने - " नेह मेह बन आसमान पर ,छा जाओ ओ मेरे साजन,रिमझिम रिमझिम प्रेम सुधा रस , बरसाओ ओ मेरे साजन!/एक बात बतला दो तुम ही दिल को इतना क्यूं भाते हो,अपने मन के अंतस इतना प्यार कहां से तुम लाते हो,ये रहस्य ये भेद हमें भी बतलाओ, ओ मेरे साजन।।/ राज प्रिया रानी ने  - भीँगी यादें, गुमसुम पलकें , तुझे क्यों उम्मीद एक बाकी है?,लब्जो का दरिया सुखा लब पर,एक हसरत अभी बाकी है ।। "/ मधुरेश नारायण ने -जीवन  यूँ ही  जाता  है गुजर।,है मगर ये बहुत लम्बा सफर।,सभी  लम्हों  में खुशियाँ ढूंढे।,दिखेंगे  यहाँ  कई राह-गुजर। " कविताओं का पाठ कर इस साहित्यिक संगोष्ठी को यादगार बना दिया ! सभी आगत अतिथियों का स्वागत किया बीना गुप्ता ने l

🔷♦️🌀🔷♦️

( प्रस्तुति : राज प्रिया रानी (उपाध्यक्ष ),भारतीय युवा साहित्यकार परिषद / पटना बिहार, 

दोस्तों अगर आप कुछ समय काम कर के लाखों रुपये कमाना चाहते हैं वह भी घर बैठे बस फोन से तो देर न करें.. अभी ही मेरे link के माध्यम से इस वेबसाइट पर अपना निःशुल्क एकाउंट open करें और Earning  करने के लिए यहाँ Click करें जल्दी करें क्योंकि यहाँ से मुझे भी काफी इनकम हो रही है। अब हर कोई कमाएगा।

       https://www.ysense.com/?rb=135114056

                    धन्यवाद- हरे कृष्ण प्रकाश

हमारे व्हाट्सएप से जुड़ें.. |   हमारे यूट्यूब से जुड़ें   |

सूचना:- साक्षात्कार देने हेतु यहाँ क्लिक करें

  यदि आप अपना साक्षात्कार देना चाहते हैं तो आदरणीय यह साक्षात्कार देने हेतु साहित्य आजकल की आधिकारिक फॉर्म है। अतः इसे सही सही भरकर हरे कृष्ण प्रकाश के साथ अपना साक्षात्कार तिथि सुनिश्चित करवाएं।।

           सूचना:- साक्षात्कार देने हेतु यहाँ क्लिक करें

         (Online/Offline दोनों सुविधा उपलब्ध)
                धन्यवाद:- (साहित्य आजकल टीम)






 

यदि आप भी अपनी रचना प्रकाशित करवाना चाहते हैं या अपनी प्रस्तुति Sahitya Aajkal की Official Youtube से देना चाहते हैं तो अपनी रचना या वीडियो टीम के इस Whatsapp न0- 7562026066 पर भेज कर सम्पर्क करें।

कवि सम्मेलन की वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
यदि आप कोई खबर या विज्ञापन देना चाहते हैं तो सम्पर्क करें।

Email:- sahityaaajkal9@gmail.com