चौथा इतवार का साहित्य समागम की 8 वीं गोष्ठी संपन्न हुई
♦पटना ! "जागो " सामाजिक संस्था के तत्वावधान में "चौथा इतवार - साहित्य समागम" की 8 वीं गोष्ठी संपन्न हुई। यह साहित्य समागम हर महीने के चौथे रविवार को फ्रेजर रोड (पटना ) के हेम प्लाजा में संपन्न होती है। हमारे मुख्य अतिथि भावना शेखर , समीर परिमल , सिद्धेश्वर , सुधा सिन्हा और मधुरेश ने अपनी उपस्थिति दर्ज कर इस साहित्यिक संगोष्ठी को गरिमामयी बना दिया l इस साहित्यिक समागम की विशेषता रहती है कि साहित्य की लगभग सभी विधाओं की रचनाएं पढ़ी जाती है l जिससे युवा पीढ़ी के रचनाकारों को भी सीखने की प्रेरणा मिलती है l
आज की इस साहित्यिक संगोष्ठी में चर्चित शायर समीर परिमल ने संकीर्ण रीति-रिवाजों पर कटाक्ष करते हुए अपनी ग़ज़ल में कहा -" जहां के रिवाजों की ऐसी की तैसी!, जमीं के खुदाओं की ऐसी की तैसी !" और दूसरी तरफ जिंदगी की तल्ख सच्चाई को प्रस्तुत किया, भावना शेखर ने अपनी कविता में -" सोचा था मेरी भी पतंग उड़ेगी आसमान में एक दिन l""/ नीलू अग्रवाल ने जिंदगी की अहमियत को स्वीकार करते हुए अपनी कविता में कहा -" जिंदगी ने दिया तोहफा, कुबूल फरमा लें, चलो यूं ही जिएं, साथ निभा लें !" तो दूसरी तरफ मधुरेश नारायण ने जीवन की तल्ख सच्चाई को अपने गीतों में उकेरा -" करते थे गुमान यहाँ छोड़ कर चले गये।,धरा रहा अभिमान छोड़ कर चले गये। और वरिष्ठ कवि और चित्रकार सिद्धेश्वर ने अपनी समय संदर्भित लघुकथा " सोने का मंगलसूत्र " का पाठ कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया !
इनके अतिरिक्त ढेर सारे नए पुराने रचनाकारों ने अपनी विविध विधाओं की रचनाओं की प्रस्तुति देकर इस साहित्यिक समागम को गरिमा प्रदान किया , जिनमें प्रमुख हैं -सर्वश्री हरेंद्र सिन्हा, , सर्वेश , अशोक प्रियदर्शी , प्रणय, नीना , इशिका राज , नमिता लोहनी , पन्ना , शिवम् , मुकेश ओझा , धनंजय , चंद्रविंद , रवि , संजीत , चंदन , संगीता , उज्मा ,नीरजसिंह, प्रदीप आदि । सम्पूर्ण कार्यक्रम का बेहतरीन संचालन डॉ नीलू अग्रवाल , गगन गौरव तथा पुरुषोत्तम जी ने किया । कार्यक्रम की समन्वयक डॉ नीलू अग्रवाल ने कहा कि -" असहनीय गर्मी के बावजूद कार्यक्रम में साहित्य प्रेमियों की भागीदारी उत्साहवर्धक है। हमारा उद्देश्य है कि नए साहित्य प्रेमी यहां आकर कुछ सीखें और जो स्थापित साहित्यकार हैं उनसे कुछ प्राप्त कर सकें। वरिष्ठ साहित्यकार भी अपनी आने वाली पीढ़ियों को देखें, सुने और सवारें।"
[ प्रस्तुति : नीलू अग्रवाल एवं सिद्धेश्वर ]
यदि आप भी अपनी रचना प्रकाशित करवाना चाहते हैं या अपनी प्रस्तुति Sahitya Aajkal की Official Youtube से देना चाहते हैं तो अपनी रचना या वीडियो टीम के इस व्हाट्सएप नंबर 7562026066 पर मैसेज कर सम्पर्क करें।
Sahitya Aajkal:- एक लोकप्रिय साहित्यिक मंच 👇💞 Sahitya Aajkal Youtube Channel link plz Subscribe Now ...💞👇Sahitya Aajkal Youtube से जुड़ने के लिए यहाँ click करें
यदि आप भी अपनी रचना प्रकाशित करवाना चाहते हैं या अपनी प्रस्तुति Sahitya Aajkal की Official Youtube से देना चाहते हैं तो अपनी रचना या वीडियो टीम के इस Whatsapp न0- 7562026066 पर भेज कर सम्पर्क करें।
कवि सम्मेलन की वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
यदि आप कोई खबर या विज्ञापन देना चाहते हैं तो सम्पर्क करें।
Email:- sahityaaajkal9@gmail.com
Whatsapp:- 7562026066
संस्थापक:- हरे कृष्ण प्रकाश
(पूर्णियां, बिहार)