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9/30/22

सामाजिक मानसिक विकृतियों को दर्शाती हुई सिद्धेश्वर की लघुकथा

सामाजिक मानसिक विकृतियों को दर्शाती हुई सिद्धेश्वर की लघुकथा " अंतर " पर बनी लघु फिल्म और अनिल पतंग



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पटना :29/09/2022!सिद्धेश्वर की चर्चित लघुकथा " अंतर  " पर, विख्यात फिल्म निर्माता और अभिनेता अनिल पतंग द्वारा बनाई गई लघु फिल्म , आज जबरदस्त चर्चा के केंद्र में है  l यूट्यूब चैनल पर दिखाई जा रही इस लघु फिल्म को देशभर के दर्शक काफी पसंद कर रहे हैं l जट जतिन फिल्म द्वारा निर्मित इस फिल्म मैं जीवंत अभिनय किया है अरविंद सिन्हा और अनिल पतंग ने l इस लघु फिल्म के कला निर्देशक और संपादक राजीव रंजन एवं कैमरामैन और वस्त्र संयोजक  है राकाश्री l संगीत और फोटोग्राफी भी लाजवाब है l अमीर और गरीब के बीच की सामाजिक मानसिक विकृति को मनोवैज्ञानिक ढंग से लघुकथाकार सिद्धेश्वर ने, अपनी इस " अंतर " लघुकथा फ़िल्म का विषय बनाया है, जो हमारे भीतर की संवेदना को पूरी तरह झकझोर देती है l

          इस लघु फिल्म पर मोहम्मद अरिफ लिखते हैं -" हमारे समाज की बुराइयों का भी एक स्तर हो गया है l हम करे तो गुनाह और वो करे तो शौक l बुराइयों के भी अपने स्तर हमने निर्धारित कर लिए हैं l स्तरीय या ऊँचे लोगों की बुराइयों की भी अपनी एक प्रतिष्ठा हो गई है l इसी बात को सिद्धेश्वर की इस लघु फ़िल्म "अंतर " में बहुत बेहतरीन तरीके से बतलाने का प्रयास किया गया है lअनिल पतंग जी, इस बेहतरीन फिल्म, बेहतरीन संवाद,बेहतरीन अभिनय, के लिए याद किए जाएंगे l पूरी टीम को हमारी ओर से हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं l"

             विदित हो कि कुछ माह पहले भी सिद्धेश्वर की लघुकथा पर बनी फिल्म " सिमटती दूरियां ", जो कोरोना काल की संवेदनहीनता को बखूबी दर्शाती है , चर्चा के केंद्र में रही थी, जिस लघु फिल्म को अनिल पतंग ने ही बनाया था l लघु फिल्म के माध्यम से हिंदी लघुकथा को जन जन तक पहुंचाने में, और साहित्य जगत में प्रतिष्ठित करने में, अनिल पतंग के इस योगदान को कदापि भुलाया नहीं जा सकता, बल्कि इतिहास में सुरक्षित रखा जा सकता है l पूरे देश में संभवत:अनिल पतंग जी पहला  सफल फिल्म निर्माता अभिनेता निर्देशक और पटकथा लेखक हैँ, जिन्होंने पूरे देश भर के प्रतिनिधि लघुकथाकारों की श्रेष्ठ लघुकथाओं पर  सर्वाधिक लघु फिल्मों का निर्माण किया है, आज इनके हजारों हजार दर्शक यूट्यूब पर मौजूद हैँ l उन्हें अपनी फीचर फिल्म जट जटिन के लिए, कई राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं  l दूरदर्शन के अधिकारी पद से अवकाश प्राप्ति के पश्चात, इस उम्र में भी वे लगातार सक्रिय है l फिल्म निर्माण, अभिनय पटकथा लेखन,काव्य लेखन

 में सक्रिय अनिल पतंग बिहार का नाम, पूरे देश में रोशन कर रहे हैं, जो उनकी लगनशिलता और सक्रियता को दर्शाता है l

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