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9/5/21

चांद देखा है हमने,जमीं पर उतरते हुए:-केशव गौतम

 


चांद देखा है हमने, जमीं पर उतरते हुए,

कुछ बातें बतलाते हुए,कुछ सवरते हुए।


लोगो को तो देखा,पागल होते इश्क में,

हमने ख़ुद को देखा,दोस्ती में मरते हुए।।


जब चंद्रमा आकाश के,मध्य में आता है,

उसे देखूं मुझे तेरा,चेहरा नज़र आता है।


दुनियां याद करती है,प्रेम को बारिश में,

मुझे हर क्षण में तेरा,नाम याद आता है।।


ये दिल तुम्हारे नाम के,छंद गुनगुनाता है,

तुम्हारे नाम के गीत,ये सदा ही गाता है।


प्रिय मेरी कविताओं की,नायिका तुम हो,

मेरा ये कलम-सा,दिल तुम्हें ही चाहता है।।


किसी को दौलत,किसी को आन चाहिए,

किसी को झूठी प्रेमिका या जान चाहिए।


मुझे ख्वाइश नही,खुदा से किसी गैर की,

मुझे तुम्हारा साथ,तुम्हारा ये नाम चाहिए।।



नाम - कवि केशव गौतम

पिता- चंद्रप्रकाश गौतम

माता- अनिता

शिक्षा-b.a b.ed 1st year

निवास-कोटा राजस्थान

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