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8/1/22

आवाज दो हम एक हैं, एक हैं हम एक हैं":- हरे कृष्ण प्रकाश

"आवाज दो हम एक हैं, एक हैं हम एक हैं" कविता सृजन करने वाले पूर्णियां जिला के हरे कृष्ण प्रकाश जी हैं। इनकी कई रचना विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित होती रही है। यह कविता उन तमाम आंदोलनकारियों के लिए है जो अपने हक के लिए, अपने समाज के लिए व अपनों के लिए आवाज बुलंद कर सरकार से अपनी मांगे मनवाने के लिए आंदोलन करते हैं। अतः यह आंदोलन में प्रयोग होने वली कविता कह सकते हैं। 

 !आवाज दो हम एक हैं!

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आवज दो हम एक हैं

एक हैं हम एक हैं।

आवाज दो हम एक हैं!


हम सब की मांगे एक है,

हम सब की राहें एक है,

एक है एक है।।

आवज दो हम एक हैं

एक हैं हम एक हैं।

आवाज दो हम एक हैं!


कर्तव्य हमारा एक है,

मंजिल हमारी एक है,

एक है एक है।।

आवज दो हम एक हैं

एक हैं हम एक हैं।

आवाज दो हम एक हैं!


संघर्ष हमारा एक है,

आरजू हमारी एक है,

एक है एक है।।

आवज दो हम एक हैं

एक हैं हम एक हैं।

आवाज दो हम एक हैं!


रब से इबादत एक है,

ईश्वर से प्रार्थना एक है

एक है एक है।।

आवज दो हम एक हैं

एक हैं हम एक हैं।

आवाज दो हम एक हैं!

   

      हरे कृष्ण प्रकाश

      (पूर्णियाँ, बिहार)

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