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4/7/25

तुलसी का पत्ता क्या छोटा क्या बड़ा कहावत को चरितार्थ किया सिद्धेश्वर ने अपनी ऑनलाइन गोष्ठियों के माध्यम से : सपना चंद्रा

तुलसी का पत्ता क्या छोटा क्या बड़ा कहावत को चरितार्थ किया सिद्धेश्वर ने अपनी ऑनलाइन गोष्ठियों के माध्यम से : सपना चंद्रा

         पटना : 07/04/25 | हैलो फेसबुक अवसर साहित्यधर्मी पत्रिका के पेज पर कवि गोष्ठी सह चित्रकला प्रदर्शनी गुगल मीट एवं फेसबुक के अवसर साहित्यधर्मी पत्रिका के माध्यम से आयोजित किया गया। इस कवि गोष्ठी में देश-विदेश से कविगण जुड़कर इस पटल की लोकप्रियता को दर्शा रहे थे।मेरी अध्यक्षता में यह एक शानदार आयोजन रहा। बहुत ही उम्दा कविताएं, गीत, गजल एवं हास्य व्यंग्य का पुट लिए कविताएं.. इन सबके कारण यह काफी मनोरंजक कार्यक्रम सिद्ध हुआ। इस पटल के संचालक आदरणीय सिद्धेश्वर जी की निस्वार्थ भावना से किया जा रहा यह पहल अलौकिक है। उनकी टैग लाइन "तुलसी का पौधा क्या बड़ा,क्या छोटा,सभी तुलसी ही है"इसी पंक्ति को चरितार्थ करते हुए अनवरत सभी को साथ लेकर चल रहे हैं ।


साहित्य की सभी विधाओं एवं चित्रकला संगीत पर केंद्रित ऑनलाइन पाठशाला एवं सम्मेलन लगातार 4 साल से चल रहा है जो अपने आप में एक उपलब्धि है l कार्यक्रम की राष्ट्रीय उपयोगिता को देखते हुए पाक्षिक से पुनः साप्ताहिक करने पर श्रोताओं ने जोर दिया l

भारतीय युवा साहित्यकार परिषद के तत्वावधान में, गूगल मीट के माध्यम से, फेसबुक के अवसर साहित्यधर्मी पत्रिका के पेज पर, हेलो फेसबुक लघुकथा सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए, चर्चित लेखिका सपना चंद्रा ने उपरोक्त उद्गार व्यक्त किया l पूरे कार्यक्रम का सशक्त संचालन किया, संयोजक सिद्धेश्वर ने l संचालन के क्रम में उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य आर्थिक लाभ कमाना नहीं बल्कि सामाजिक साहित्यिक सेवा में अपना भरपूर अवदान देना है ताकि नए सृजनकर्ता को सार्थक राह मिल सके l हमारे कार्यक्रम से कई रचनाकारों को महत्वपूर्ण उपलब्धियां मिली है l हमारा उद्देश्य है सबका साथ सबका विकास !


आज के कार्यक्रम में, मिथिलेश कुमार, सपना चंद्रा, शशि भूषण बदौनी एवं सिद्धेश्वर की कलाकृतियों की अद्भुत प्रदर्शनी डिजिटल माध्यम से दिखलाई गई l तो दूसरी तरफ हांगकांग के गोपाल सिंहा, लखनऊ के राजेंद्र नाथ की संगीतमय प्रस्तुति दी गई l किंतु आज के कार्यक्रम की सबसे बड़ी उपलब्धि रही एक से बढ़कर एक कविताओं को प्रस्तुत करने वाला कवि सम्मेलन l


काव्य पाठ करने वालों में प्रमुख थे सर्वर्श्री गोपाल सिंहा, सपना चंद्रा, हजारी सिंह, सिद्धेश्वर, शंकर प्रसाद,राज प्रिया रानी, यशोधरा भटनागर, अविनाश बंधु,तेज नारायण राय, नमिता सिंह, रशीद गौरी, गंगेश गुंजन,हास्य कवि कुमार प्रकाश,इंदु उपाध्याय आदि l सभी के प्रति आभार प्रकट किया कार्यक्रम की प्रभारी राज प्रिया रानी ने l

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                 धन्यवाद :- साहित्य आजकल टीम